दुनिया की नजर में 'कश्मीर' नहीं रहा विवाद, पाकिस्तान बौखलाया
Last Updated 18:19(15/11/10)
वाशिंगटन. संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू कश्मीर को अनसुलझे विवादों की सूची से हटा दिया है, जिससे पाकिस्तान को करारा झटका लगा है।
पाकिस्तान शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहता रहा है। लेकिन हस्तक्षेप करना तो दूर अब उसकी नजर में यह अनसुलझा मसला रह ही नहीं गया है।
इस पर तिलमिलाए पाकिस्तानी राजदूत ने इस बारे में अपना विरोध दर्ज कराया है। राजदूत अमजद हुसैन बी स्याल ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह गलती से हुआ है। स्याल ने संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के एक सत्र में बोलते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर संयुक्त राष्ट्र के अनसुलझे विवादों की सूची में लंबे समय से शामिल है।
बैठक में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत मार्क ल्याल ग्रांट ने भी अपने संबोधन में विश्व के कई विवादों के नाम लिए, लेकिन उन्होंने कश्मीर को इसमें शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व, साइप्रस और पश्चिमी सहारा क्षेत्रों के विवाद लंबे समय से चल रहे हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप भी करना पड़ा है, जैसे नेपाल और गुयना बिसाऊ। उन्होंने कहा कि सूडान, सोमालिया और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया अभी भी विश्व के लिए चुनौती बने हुए हैं। ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए एक बार फिर भारत को समर्थन दोहराया। ब्रिटेन ने स्थायी सदस्यता के मामले में ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान को समर्थन दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के उप राजदूत फिलिप परहम ने कहा कि अगले साल इन देशों में से कुछ अस्थायी सदस्यों के बतौर संयुक्त राष्ट्र से जुड़ेंगे और हमें उनके साथ काम करने का मौका मिलेगा। भारत और जर्मनी अगले साल यंसुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य की हैसियत से शामिल होंगे।
पाकिस्तान के लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद भी संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप से इंकार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बेन की मून ने पिछले अक्टूबर में कहा कि संयुक्त राष्ट्र दोनों देशों की सहमति के बाद ही कोई हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं और उनमें टकराव के व्यापक असर पड़ेंगे।
उधर, कश्मीर विवाद के हल के लिए भारत सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकारों में से एक, राधा कुमार ने दोहराया है कि मसले के समाधान के लिए की जाने वाली बातचीत में पाकिस्तान को भी शामिल किया जाना चाहिए। वार्ताकार नियुक्त किए जाने के बाद दूसरी बार लद्दाख और कश्मीर की यात्रा पर गईं कुमार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहली यात्रा की रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी गई है।
पाकिस्तान शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहता रहा है। लेकिन हस्तक्षेप करना तो दूर अब उसकी नजर में यह अनसुलझा मसला रह ही नहीं गया है।
इस पर तिलमिलाए पाकिस्तानी राजदूत ने इस बारे में अपना विरोध दर्ज कराया है। राजदूत अमजद हुसैन बी स्याल ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह गलती से हुआ है। स्याल ने संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के एक सत्र में बोलते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर संयुक्त राष्ट्र के अनसुलझे विवादों की सूची में लंबे समय से शामिल है।
बैठक में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत मार्क ल्याल ग्रांट ने भी अपने संबोधन में विश्व के कई विवादों के नाम लिए, लेकिन उन्होंने कश्मीर को इसमें शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व, साइप्रस और पश्चिमी सहारा क्षेत्रों के विवाद लंबे समय से चल रहे हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप भी करना पड़ा है, जैसे नेपाल और गुयना बिसाऊ। उन्होंने कहा कि सूडान, सोमालिया और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया अभी भी विश्व के लिए चुनौती बने हुए हैं। ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए एक बार फिर भारत को समर्थन दोहराया। ब्रिटेन ने स्थायी सदस्यता के मामले में ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान को समर्थन दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के उप राजदूत फिलिप परहम ने कहा कि अगले साल इन देशों में से कुछ अस्थायी सदस्यों के बतौर संयुक्त राष्ट्र से जुड़ेंगे और हमें उनके साथ काम करने का मौका मिलेगा। भारत और जर्मनी अगले साल यंसुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य की हैसियत से शामिल होंगे।
पाकिस्तान के लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद भी संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप से इंकार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बेन की मून ने पिछले अक्टूबर में कहा कि संयुक्त राष्ट्र दोनों देशों की सहमति के बाद ही कोई हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं और उनमें टकराव के व्यापक असर पड़ेंगे।
उधर, कश्मीर विवाद के हल के लिए भारत सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकारों में से एक, राधा कुमार ने दोहराया है कि मसले के समाधान के लिए की जाने वाली बातचीत में पाकिस्तान को भी शामिल किया जाना चाहिए। वार्ताकार नियुक्त किए जाने के बाद दूसरी बार लद्दाख और कश्मीर की यात्रा पर गईं कुमार ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहली यात्रा की रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी गई है।
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