source: http://www.facebook.com/photo.php?
Now facebook is going to be banned in Jammu Kashmir: Dainik Jagran.
Omar Abdullah has given the approval and now its upto Home ministry to give the final decision.
Courtesy: Redefining Jammu in FB
http://www.facebook.com/photo.php?
Atul Rajpal ..तो बंद होगी फेसबुक
दिनेश महाजन, जम्मू प्री-पेड मोबाइल फोन में सरल संदेश सेवा (एसएमएस) पर रोक लगाने के बाद सरकार अब जल्द ही राज्य में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी रोक लगाने जा रही है। दरअसल पिछले दस महीनों से फेसबुक दुष्प्रचार का जरिया बन गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ सुरक्षा एजेंसियों की बैठक के दौरान फेसबुक पर रोक लगाने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर रोक लगाने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से इस बाबत चर्चा करेगी। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार जून 2010 में घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद सरकार द्वारा एसएमएस सेवा बंद करने के बाद कुछ लोगों ने फेसबुक के जरिये दुष्प्रचार व धर्मो के विरुद्ध आपत्तिजनक बात लिखी थी।
भाजपा की राष्ट्रीय एकता यात्रा के दौरान लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर फेसबुक में कई ऐसे चित्र व तस्वीरें दिखाई गई, जिससे राज्य की छवि खराब हुई। फेसबुक में चढ़ाई गई कई आपत्तिजनक फोटो ने कथित तौर पर लोगों की धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंचाने का काम किया। फेसबुक में मौजूदा समय में कई राजनीतिज्ञ व नौकरशाह अपनी दिनचर्या के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं। गौरतलब है कि फेसबुक में राज्य के निवासियों के करीब 16 लाख से अधिक प्रोफाइल हैं। एक मिनट में फेसबुक में पांच लाख से अधिक कमेंट दिए जाते हैं। प्रति मिनट 2.3 संदेश फेसबुक की वाल पर लिखे जाते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बन रही नेटवर्किंग साइट राज्य पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए कुछ लोग सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग कर रहे हैं। घाटी में हालात संवेदनशील है, छोटी सी चिंगारी भी आग लगाने का काम कर सकती है। राज्य सरकार ने इस बाबत अपनी चिंता केंद्र सरकार को जता दी है।
मिस्र के हालात से राज्य सरकार ले रही सबक मिस्र में राजनीति अस्थिरता के पीछे नेटवर्किंग साइट की कारगर भूमिका रही है। सबसे पहले एक महिला ने साइट में सरकार के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंका था। इसके बाद विद्रोह की आग इतनी भड़की कि अब उन्हें नियंत्रित करना कठिन हो गया है।
चीन ने भी नेटवर्किंग साइटों के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है।
Now facebook is going to be banned in Jammu Kashmir: Dainik Jagran.
Omar Abdullah has given the approval and now its upto Home ministry to give the final decision.
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Atul Rajpal ..तो बंद होगी फेसबुक
दिनेश महाजन, जम्मू प्री-पेड मोबाइल फोन में सरल संदेश सेवा (एसएमएस) पर रोक लगाने के बाद सरकार अब जल्द ही राज्य में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी रोक लगाने जा रही है। दरअसल पिछले दस महीनों से फेसबुक दुष्प्रचार का जरिया बन गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ सुरक्षा एजेंसियों की बैठक के दौरान फेसबुक पर रोक लगाने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर रोक लगाने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से इस बाबत चर्चा करेगी। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार जून 2010 में घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद सरकार द्वारा एसएमएस सेवा बंद करने के बाद कुछ लोगों ने फेसबुक के जरिये दुष्प्रचार व धर्मो के विरुद्ध आपत्तिजनक बात लिखी थी।
भाजपा की राष्ट्रीय एकता यात्रा के दौरान लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर फेसबुक में कई ऐसे चित्र व तस्वीरें दिखाई गई, जिससे राज्य की छवि खराब हुई। फेसबुक में चढ़ाई गई कई आपत्तिजनक फोटो ने कथित तौर पर लोगों की धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंचाने का काम किया। फेसबुक में मौजूदा समय में कई राजनीतिज्ञ व नौकरशाह अपनी दिनचर्या के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं। गौरतलब है कि फेसबुक में राज्य के निवासियों के करीब 16 लाख से अधिक प्रोफाइल हैं। एक मिनट में फेसबुक में पांच लाख से अधिक कमेंट दिए जाते हैं। प्रति मिनट 2.3 संदेश फेसबुक की वाल पर लिखे जाते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बन रही नेटवर्किंग साइट राज्य पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए कुछ लोग सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग कर रहे हैं। घाटी में हालात संवेदनशील है, छोटी सी चिंगारी भी आग लगाने का काम कर सकती है। राज्य सरकार ने इस बाबत अपनी चिंता केंद्र सरकार को जता दी है।
मिस्र के हालात से राज्य सरकार ले रही सबक मिस्र में राजनीति अस्थिरता के पीछे नेटवर्किंग साइट की कारगर भूमिका रही है। सबसे पहले एक महिला ने साइट में सरकार के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंका था। इसके बाद विद्रोह की आग इतनी भड़की कि अब उन्हें नियंत्रित करना कठिन हो गया है।
चीन ने भी नेटवर्किंग साइटों के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है।
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